सुपरमून का दीदार, तस्वीरों में देखें 'गुलाबी चांद'

कोरोना वायरस के चलते देश भर में चल रहे लॉकडाउन के बीच शहरवासियों ने सुपरमून का दीदार किया। खास बात यह है कि इस गुलाबी चांद के दीदार के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं पड़ी बल्कि छत और बालकनी से ही लोगों ने खगोलीय घटना का लुत्फ उठाया।


वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला के प्रशिक्षक अमर पाल सिंह ने बताया कि रात 8:05 बजे से पूरी रात तक इसे देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि जब चांद और धरती के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है, और चंद्रमा की चमक बढ़ जाती है, उस परिस्थिति में चांद को सुपरमून कहा जाता है।


इस दौरान चांद रोजाना की तुलना में 14 फीसद ज्यादा बड़ा और 30 फीसद तक ज्यादा चमकीला दिखाई देता है। सुपरमून के दौरान पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 30 हजार किलोमीटर घट जाती है।


क्या है पिंक सुपरमून
गुलाबी सुपरमून सिर्फ एक नाम है, जिसके पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है। दरअसल, अमेरिका और कनाडा में इस मौसम में उगने वाले एक फूल की वजह से इसे गुलाबी सुपरमून कहा जाता है।



इस फूल का नाम है- फ्लॉक्स सुबुलाता। इसे मॉस गुलाबी भी कहते हैं। इसके नाम पर ही इस सीजन में दिखने वाले सुपरमून को गुलाबी सुपरमून कहा गया है। इसका मतलब ये नहीं है कि चांद गुलाबी रंग का दिखेगा।